आज शेयर मार्केट गिरने का कारण | जानिए आज भारतीय शेयर बाजार क्यों टूटा

आज शेयर मार्केट गिरने का कारण

हर दिन खबरों में सुनने को मिलता है आज शेयर मार्केट गिर गया या Sensex-Nifty में भारी गिरावट। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है?
आज हम विस्तार से समझेंगे आज शेयर मार्केट गिरने का कारण, किन वजहों से Sensex और Nifty जैसे प्रमुख इंडेक्स नीचे आए, और निवेशक इस स्थिति में क्या करें।

शेयर मार्केट में गिरावट क्या होती है?

जब बाजार में अचानक शेयरों की कीमतें नीचे आती हैं, तो उसे मार्केट फॉल या मार्केट करेक्शन कहा जाता है। यह गिरावट कुछ घंटों के लिए हो सकती है या कभी-कभी हफ्तों तक जारी रहती है। मार्केट की यह चाल मांग और आपूर्ति (Demand-Supply), निवेशकों की भावनाओं (Investor Sentiment) और आर्थिक संकेतकों (Economic Indicators) पर निर्भर करती है।

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आज भारतीय शेयर मार्केट क्यों गिरा?

आज भारतीय शेयर मार्केट क्यों गिरा?

आज के बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। BSE Sensex और NSE Nifty दोनों ही करीब 2% तक नीचे बंद हुए। इस गिरावट के पीछे कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारण हैं:

1. ऊंचे वैल्यूएशन को लेकर चिंता

पिछले कुछ महीनों से भारतीय शेयर मार्केट में तेजी देखने को मिल रही थी।
निफ्टी 50 के कई स्टॉक अपने ऑल-टाइम हाई पर थे, जिससे वैल्यूएशन ओवरप्राइस्ड लगने लगे। निवेशकों को अब डर है कि कंपनियों के मुनाफे इस ऊंचे वैल्यूएशन को जस्टिफाई नहीं कर पाएंगे। इस वजह से कई लोग प्रॉफिट बुकिंग करने लगे हैं।

2. विदेशी निवेशकों (FII) की बिकवाली

Foreign Institutional Investors (FII) लगातार भारतीय बाजार में बिकवाली कर रहे हैं। उच्च अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर की मजबूती के चलते FII भारत से पैसे निकालकर सुरक्षित एसेट्स में लगा रहे हैं।
सिर्फ दो ट्रेडिंग सेशन में ₹9,000 करोड़ से ज़्यादा की निकासी हुई है।

3. अमेरिकी ट्रेड पॉलिसी की अनिश्चितता

अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव, साथ ही अमेरिका की नई पॉलिसी की अस्पष्टता ने ग्लोबल मार्केट को अस्थिर कर दिया है।
इसका असर एशियाई बाजारों सहित भारत पर भी पड़ा है।

4. नए ट्रिगर्स की कमी

कंपनियों के Q4FY25 रिजल्ट्स उम्मीद से बेहतर नहीं रहे।
किसी बड़े पॉजिटिव ट्रिगर के अभाव में मार्केट में निवेशकों का उत्साह कम हो गया है।
RBI की संभावित ब्याज दरों में कटौती भी अब निवेशकों को ज्यादा उत्साहित नहीं कर पा रही।

5. रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य-पूर्व तनाव

भू-राजनीतिक अनिश्चितता हमेशा मार्केट के लिए खतरा होती है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में हालिया वृद्धि और मध्य-पूर्व में तनाव ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स को जोखिम वाले एसेट्स से दूर कर दिया है।

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के अन्य सामान्य कारण

1. महंगाई और ब्याज दरें

जब महंगाई बढ़ती है, तो RBI को ब्याज दरें बढ़ानी पड़ती हैं।
इससे कंपनियों का लोन महंगा होता है और उनके मुनाफे पर असर पड़ता है।
FMCG, ऑटो और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर सबसे पहले प्रभावित होते हैं।

2. राजनीतिक अनिश्चितता

लोकसभा चुनाव, नीतिगत बदलाव या किसी बड़े सरकारी निर्णय की घोषणा भी मार्केट में अस्थिरता ला सकती है।
उदाहरण के लिए, 2016 की नोटबंदी या 2018 के LTCG टैक्स ने मार्केट पर तगड़ा असर डाला था।

3. टैक्सेशन और पॉलिसी में बदलाव

कॉर्पोरेट टैक्स में बदलाव, GST दरों का समायोजन या डिविडेंड टैक्सेशन में संशोधन निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित करते हैं।
ऐसे फैसले मार्केट में अचानक गिरावट का कारण बन सकते हैं।

4. ग्लोबल मार्केट का प्रभाव

भारतीय बाजार दुनिया से अलग नहीं है।
अगर अमेरिका, यूरोप या चीन के बाजारों में मंदी आती है, तो उसका असर सीधे भारत पर पड़ता है।
Dow Jones, Nasdaq या Asian Markets में गिरावट का असर अगले दिन Sensex और Nifty पर दिखता है।

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शेयर मार्केट गिरने पर क्या करें?

मार्केट की गिरावट में घबराने की बजाय समझदारी से काम लेना जरूरी है।
यहां कुछ अहम कदम दिए गए हैं:

1. शांत रहें

गिरावट के समय जल्दबाजी में शेयर बेचने की गलती न करें।
ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो हर गिरावट के बाद मार्केट रिकवर हुआ है।

2. पोर्टफोलियो की समीक्षा करें

देखें कि कौन से सेक्टर ज्यादा प्रभावित हैं और कौन से स्टॉक्स मजबूत बने हुए हैं।
अगर कोई कंपनी मजबूत फंडामेंटल वाली है, तो गिरावट में भी उसमें बने रहना बेहतर है।

3. निवेश को डाइवर्सिफाई करें

सिर्फ इक्विटी में निवेश करने की बजाय बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, गोल्ड या एफडी जैसे अन्य साधनों में भी पैसा लगाएं।

4. लॉन्ग टर्म पर ध्यान दें

शेयर मार्केट में अस्थिरता शॉर्ट टर्म में होती है।
अगर आपका निवेश 5–10 साल के लिए है, तो गिरावट को एक खरीदारी का मौका समझें।

5. मजबूत कंपनियों में खरीदारी करें

मार्केट गिरने पर कई अच्छे शेयर सस्ते मिलते हैं।
ऐसे में फंडामेंटली सॉलिड कंपनियों में धीरे-धीरे निवेश करना अच्छा फैसला हो सकता है।

इतिहास में भारत के बड़े मार्केट क्रैश

भारत ने कई बार बड़े मार्केट क्रैश देखे हैं, जिनसे सीखना जरूरी है:

1992: हर्षद मेहता स्कैम से BSE में भारी गिरावट आई।
2008: ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के दौरान Sensex एक ही दिन में 1,400 पॉइंट गिरा।
2016: नोटबंदी और वैश्विक अनिश्चितता के कारण मार्केट में झटके आए।
2020: COVID-19 महामारी के शुरुआती महीनों में बाजार ने ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की।
इन सभी गिरावटों के बाद मार्केट ने धीरे-धीरे रिकवरी की, जिससे यह साबित होता है कि लॉन्ग टर्म निवेशक हमेशा फायदा में रहते हैं।

निष्कर्ष

आज शेयर मार्केट गिरने का कारण कई कारकों का मिला-जुला असर है
विदेशी बिकवाली, ऊंचे वैल्यूएशन, भू-राजनीतिक अनिश्चितता और आर्थिक संकेतों की कमजोरी।

लेकिन निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है।
हर गिरावट एक नया अवसर लाती है बस जरूरी है सही रिसर्च, धैर्य और लॉन्ग टर्म नजरिया।
अगर आप समझदारी से निवेश करते हैं, तो बाजार की रिकवरी आपके पोर्टफोलियो को मजबूत बना सकती है।

प्रो टिप:
अगर आप मार्केट में नए हैं, तो SIP या इंडेक्स फंड से शुरुआत करें।
एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म से डीमैट अकाउंट खोलें और धीरे-धीरे निवेश की समझ बढ़ाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

प्रश्न 1: आज भारतीय शेयर मार्केट क्यों गिरा?
उत्तर: विदेशी निवेशकों की बिकवाली, ऊंचे वैल्यूएशन, वैश्विक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव इसकी मुख्य वजह हैं।

प्रश्न 2: क्या मार्केट क्रैश में स्टॉक खरीदना चाहिए?
उत्तर: अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं और कंपनियों की बुनियाद मजबूत है, तो गिरावट में खरीदारी एक अच्छा अवसर हो सकता है।

प्रश्न 3: FII लगातार क्यों बेच रहे हैं?
उत्तर: उच्च अमेरिकी ब्याज दरें, डॉलर की मजबूती और भारतीय मार्केट में महंगे वैल्यूएशन के कारण FIIs अपनी पोजीशन घटा रहे हैं।

प्रश्न 4: क्या मार्केट आगे और गिरेगा?
उत्तर: यह निर्भर करेगा आने वाले आर्थिक डेटा, कॉर्पोरेट रिजल्ट्स और ग्लोबल सेंटिमेंट पर।
लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मार्केट में गिरावट अस्थायी है और भारत की अर्थव्यवस्था दीर्घकालिक रूप से मजबूत बनी हुई है।

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